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संत कबीर का भजन मुझे यथार्थ की ओर ले जाता है। मत

संत कबीर का भजन मुझे यथार्थ की ओर ले जाता है।

मत कर माया को अहंकार
मत कर काया को अभिमान
काया गार से कांची

हो काया गार से कांची
रे जैसे ओस रा मोती
झोंका पवन का लग जाए
झपका पवन का लग जाए
काया धूल हो जासी
काया तेरी धूल हो जासी

संत - कबीर मत कर माया को अहंकार

मत कर काया को अभिमान

काया गार से कांची
संत कबीर का भजन मुझे यथार्थ की ओर ले जाता है।

मत कर माया को अहंकार
मत कर काया को अभिमान
काया गार से कांची

हो काया गार से कांची
रे जैसे ओस रा मोती
झोंका पवन का लग जाए
झपका पवन का लग जाए
काया धूल हो जासी
काया तेरी धूल हो जासी

संत - कबीर मत कर माया को अहंकार

मत कर काया को अभिमान

काया गार से कांची
shravangoud5450

Shravan Goud

New Creator

मत कर माया को अहंकार मत कर काया को अभिमान काया गार से कांची