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रग- रग में बसे हैं,कण-कण में बसे हैं भगवान। जिस प्

रग- रग में बसे हैं,कण-कण में बसे हैं भगवान।
जिस प्रभु के अलग-अलग नामों से इंसान करता है गुणगान।
ये दुनिया उन्ही का है ये सब जानते है इंसान।
फिर भी एक दूसरे का आपस में क्यो करता है अपमान।

©ANSARI ANSARI
  #WinterSunset अपमान
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ANSARI ANSARI

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#WinterSunset अपमान #Thoughts

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