मेरे सब ख़्वाब टूटे,कुछ भी अब बाकी नही है। मैं जिस-जिस का हूँ,वही तो सिर्फ मेरा ही नही है। मुझे ठुकरा दिया कुछ ने वो खुश है इस वहम पर। मगर मैं हो गया हूँ खुद का,क्या ये काफ़ी नही है? तेरे है पास में सब मेरा अब कुछ भी नही है। तू ही है ज़िंदगी फिर ज़िंदगी मे क्यों नही है? मुझे मिलना कभी किसी मोड़ पर यूं ही अचानक। तू फ़िर ये सोचना की पास तेरे क्या नही है!!! मेरी दुनिया तो इस दुनिया से भी ज्यादा बड़ी है। जो दुनिया के लिए बस चंद लफ़्ज़ों की कड़ी है। कोई दौलत कोई शोहरत के पीछे भागता है। मेरी दौलत या शोहरत बस मेरी कारीगरी है। मेरे सब ख़्वाब टूटे,कुछ भी अब बाकी नही है। मैं जिस-जिस का हूँ,वही तो सिर्फ मेरा ही नही है। मुझे ठुकरा दिया कुछ ने वो खुश है इस वहम पर। मगर मैं हो गया हूँ खुद का,क्या ये काफ़ी नही है? तेरे है पास में सब मेरा अब कुछ भी नही है। तू ही है ज़िंदगी फिर ज़िंदगी मे क्यों नही है? मुझे मिलना कभी किसी मोड़ पर यूं ही अचानक।