आँखो का नूर, ओठो की हँसी हम उसकी पहली अदा पे ही लूटे उसकी हँसी, उसका इतराना दिल को मेरे इश्क के समन्र्द मे ले डुबा क्या कहे क्या ना कहे जो भी कहे कम ही कहे हम उसकी पहली अदा पे ही लूटे उसके लहराते केश, उल्झी- उल्झी जुल्फे जुल्फो मे उल्झा मन मेरा आँखो का नूर