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" मीरा का प्रेम " ( अनुशीर्षक में ) मेरी देह तुम्

" मीरा का प्रेम "
( अनुशीर्षक में )  मेरी देह तुम्हारी प्राण तुम्हारे, जीवन भी है तुम्हारा, 
बिन तेरे पिया लागे ना जिया, तू ही है इक सहारा।

तुझे ढूँढा था कुंज अटल में पाया है हृदय पटल पर,
हे गिरधर! तेरी दासी पर इतनी तो अब कृपा कर।

मैंने तुझसे ही तुझको माँगा है जीवन यूँही त्यागा है,
जग जो कहता है कहता रहे ये तो प्रीत का धागा है।
" मीरा का प्रेम "
( अनुशीर्षक में )  मेरी देह तुम्हारी प्राण तुम्हारे, जीवन भी है तुम्हारा, 
बिन तेरे पिया लागे ना जिया, तू ही है इक सहारा।

तुझे ढूँढा था कुंज अटल में पाया है हृदय पटल पर,
हे गिरधर! तेरी दासी पर इतनी तो अब कृपा कर।

मैंने तुझसे ही तुझको माँगा है जीवन यूँही त्यागा है,
जग जो कहता है कहता रहे ये तो प्रीत का धागा है।

मेरी देह तुम्हारी प्राण तुम्हारे, जीवन भी है तुम्हारा, बिन तेरे पिया लागे ना जिया, तू ही है इक सहारा। तुझे ढूँढा था कुंज अटल में पाया है हृदय पटल पर, हे गिरधर! तेरी दासी पर इतनी तो अब कृपा कर। मैंने तुझसे ही तुझको माँगा है जीवन यूँही त्यागा है, जग जो कहता है कहता रहे ये तो प्रीत का धागा है। #yqdidi #yqhindi #कृष्ण #मीरा_का_प्रेम