आँख में काजल माथे बिंदिया, हँसती जैसे कोई चिरिया, ओझल हो पतझर में जब तू, बिन तेरे ये तरसे अँखिया, हाथ पकड़ तू चलती मेरा ऐसे जैसे प्यासी नदिया, बरस पड़े जब बन के बादल, भीगे मेरी तन्हा रतिया। ग़ज़ल तुझे मैं कहते जाऊँ, आ जाये चाहे फिर निंदिया। चिरिया..... Special gift.... #yqdidi #yqbaba #yqhindi #yqhindiurdu #yqhindishayari #shayari