एक कप चाय..... एक चुस्की जब गले मे उतरती है ज़िन्दगी को ताज़गी से भर देती है दूसरी चुस्की होती है खयालो की चुस्की खूबसूरत से खयाल जो ज़हन के कमरे में आराम फरमाते हुए नज़रो की खिड़कियों से झाँकते है तीसरी चुस्की है आत्म मंथन की क्या पास है जो साथ नही क्या दूर है जो पास नही खैर, जो भी है सब अपने हाथ है ठीक एक कप चाय की तरह लबों पे मुस्कुराहट की तरह जो आखिरी चुस्की के साथ होठो से चिपक सी जाती है एक कप चाय......❤️ #justwritten #hopeyoulikeit #ekcupchai