बेटी!! बेटी, बयान ना कर सकूँ तुम कितनी खास हो, फँसता ज़िन्दगी के जाल में, तो तुम रहती पास हो, खड़ी रही साथ में मेरे, सम्भालती मुझको हर दम, बनकर दिल में तुम यूँ, एक प्यारी एहसास हो। दुआ करूँ दिल से, तुम खुशियों की पहचान बनना,