बारिश की बूंदों में तेरे लम्स का एहसास आता है जब भी होती है रिमझिम तू बहुत याद आता है एक कागज़ की कश्ती सी जिंदगानी है ऐसे में हमसफ़र का साथ रहे तो मज़ा और आता है तू भी करता है मुझे याद शायद, मुझे ऐसा लगता है कुछ रोज़ से मुझे मुसलसल हिचकियों का दौर आता है चलेंगे फिर उस पहाड़ पर, उस सफर पर हम, मेरे दोस्त जिस सफ़र पर हर शब मुझे मेरा ख़्वाब लाता है #thoughtwriter