तारों भरी इक रात में, तेरे ख़त पढ़ेंगे साथ में कोरा जो पन्ना रह गया, एक कांपते से हाथ में थोड़ी शिक़ायत करना तू, थोड़ी शिक़ायत मैं करूँ नाराज़ बस ना होना तू one night