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बहुत गहरे यह ख्याल दिल मे घर कर गया, तुम्हारे लौट

बहुत गहरे यह ख्याल दिल मे घर कर  गया,
तुम्हारे लौटने की उम्मीद को बेघर कर गया,
कसम अब खायी है
कभी नजरों में तुम्हारी आऊंगा नही,
कितनी भी हो झंझावात दिल मे,
कभी जुबान से ज़ाहिर न करूँगा,
प्यार समंदर सा लिए फिरूँगा,
लेकिन तुम्हारे लौटने की उम्मीद अब न करूँगा,
तुम्हारे लौटने की अब उम्मीद नही करूँगा।

©Prashant Roy
  #lonely #नकहूँगा लौटने के Suman Zaniyan Mahendra Maddheshiya Official Kuldeep singh Pradeep Bhuiyan vibha
prashantroy0606

Prashant Roy

Bronze Star
New Creator

#lonely #नकहूँगा लौटने के Suman Zaniyan Mahendra Maddheshiya Official Kuldeep singh @Pradeep Bhuiyan vibha #कविता

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