हरसाल धूमधाम से जन्मदिन मनाते रहे। बढ़ती गई उम्र और ज़िन्दगी घटाते रहे। वक्त मिल जाएगा सुकून लिए इक दिन! उसकी चाहत में ही ख़ुद को खपाते रहे। शुक्र है ये मेरे रिश्तों की डोर मजबूत है। जो बनाया वो इत्मीनान से निभाते रहे। इस हड़पने और हथियाने के युग में भी! हम तो बस अपने हिस्से का कमाते रहे। जो हालात से डरे और न कभी घबराये! वे लोग ही दुनिया में बदलाव लाते रहे। हैरत होती है ये सोचकर मुझको 'पंछी'! शरीफ़ लोगों पर ही इल्ज़ाम आते रहे। ♥️ Challenge-628 #collabwithकोराकाग़ज़ Ritu Vemuri ji Reetu ji Neha Pathak ji Madhu Jhunjhunwala jiji #उम्मीदकादामन #KKC628 #yqdidi #yqbaba #कोराकाग़ज़ #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़