बनाई थी कभी मैंने, कागज की बो कस्ती । बारिश का बो पानी, गांव की बो मस्ती।। बो गांव की गलियां , जिनमे जान थी बस्ती। किसी ने मांकन् बना लिया, किसी की मिट गयी हस्ती।। बनाई थी कभी मैंने.......... ©Durvesh Singh #BachpanAurMaa #hasti #durvesh singh #Memories