इतनी फुर्सत किसे कोई दीवाने से मिले मुद्दतों बाद फिर हम भी ज़माने से मिले.. भूलकर काश इक भूल मुझसे हो जाये भूलने वाले शायद मुझे भुलाने से मिले.. उसने कहा था प्यार छिपाके नही करते है वो यार हमको हर रोज बहाने से मिले.. अब ना डर हमको किसी बात का होने वाला नए शहर में हमें आज दोस्त पुराने से मिले.. बारहा कहने पर भी ना आये मिलने हमसे नींद चुराने वाले तुझे ख़्वाब सुहाने से मिले.. खुली आंखो से देखा करो ख्वाब दोस्तो ताकि सम्मान तुझे सारे ज़माने से मिले.. कवि रोशनलाल "हंस" #NojotoQuote #ग़ज़ल #शायरी #शेर #Gazal #Shayari #NojotoHindi #Nojoto #Kavishala #UrduGajal