अब जानेमन तू तो नहीं, शिकवा -ए-गम किससे कहें या चु

अब जानेमन तू तो नहीं,
शिकवा -ए-गम किससे कहें
या चुप रहे या रो पड़ें,
किस्सा-ए-गम किससे कहें।
अब जानेमन तू तो नहीं,
शिकवा -ए-गम किससे कहें
या चुप रहे या रो पड़ें,
किस्सा-ए-गम किससे कहें।
ntr9271571587440

NTR

New Creator