सृजन के आरंभ में, आदि पुरुष ने अपने लिए चुना मौन, और गढ़ दिया पहाड़, प्रकृति ने चुन ली चंचलता, और बुन दी नदी, तब से अब तक, बूंद बूंद रिस रहा है पहाड़! और कंकड़ कंकड़ सूख रही है नदी!! ©Neha singh #river #adipurus #Love #PREM #nehasingh #yqdidi #yqhindi #hindi_poem #hindi_quotes