शीत विकल हो वसुधा ने सूर्यदेव का आह्वान किया उत्तरायण हो सूर ने मानो उसको अभयदान दिया आह्लादित हो वसुधा स्वागत बसंत को सजाती थाल है नवल रूप प्रकृति से वह पल पल होती निहाल है परिवर्तित रवि की गति ने संक्रान्ति उत्सव महान दिया भावविह्वल हो जनमानस ने आदिदेव को प्रणाम किया मकर संक्रान्ति# सूर्य देव# उत्सव# Your quote didi# Your quote baba#