रिहाइश को न छत थी बरसात ख़ूब हुई गुंजाइश थी न कुरबत थी मुलाक़ात ख़ूब हुई उनकी सरगोशी की इनायात ख़ूब हुई मोहब्बत की रस्मों रवायत थी एहतियात ख़ूब हुई जानो लब उसकी ही शफ़कत थी आरज़ू समात ख़ूब हुई मौज़ू तन्हाई की बरक़त थी रहने दो बात ख़ूब हुई #toyou #yqsilence #yqabstraction #yqlove #yqseasonedheart #yqpathos #yqletter