तुमने कहा था “ डर लग रहा है; अजनबी माहौल में काँप रहा है तन, घबरा रहा है मन, चलो जल्दी मंदिर भवन में, पकड़ लो हाथ थाम लो मुझे।” वो सब किया मैंने जो सब कहा था तुमने। वो साथ साथ सीढ़ियाँ उतरना, वो काँधे पे मेरे तेरा सिर रखना। सब याद है मुझे क्या सब याद है तुम्हें? (“प्रेम अमर है” से) ११/०९/२०२२ 🌷👰💓💝 ...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क' ©Pnkj Dixit गले लग कर जब... तुमने कहा था “डर लग रहा है; अजनबी माहौल में काँप रहा है तन, घबरा रहा है मन, चलो जल्दी मंदिर भवन में, पकड़ लो हाथ थाम लो मुझे।” वो सब किया मैंने जो सब कहा था तुमने।