शीर्षक:- बेटियां है अनमोल बेटियां हैं अनमोल इसे बचाओ रे, बेटियां हैं अनमोल, इन्हें खूब पढ़ाओ, लिखाओ, और आगे बढ़ाओ, बेटियां हैं अनमोल, बेटियां होती सबकी प्यारी इन को बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी, जब भी तुम कोई मांगलिक कार्य करवाओ, ' सबको तुम आठवां वचन दिलाओ , बेटियां हैं अनमोल, 'पाराशर' तुमने ठान लिया है, बेटी ने जग को सुंदर नाम दिया है, कन्या भ्रूण हत्या रोको रे, गोल्डमेडल का तुम गला न घोटो रे, बेटियां हैं अनमोल, इनको बचाओ रे, अभिमन्यू पाराशर साहित्यकार टी.सी.प्रकाश स्मृति भवन(गाँव--शिमला, जिला--झुंझुनू (राजस्थान) 9413723865, 8769588160 ©Abhimanyu parasar शीर्षक:- बेटियां है अनमोल बेटियां हैं अनमोल इसे बचाओ रे, बेटियां हैं अनमोल, इन्हें खूब पढ़ाओ, लिखाओ, और आगे बढ़ाओ, बेटियां हैं अनमोल, बेटियां होती सबकी प्यारी इन को बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी, जब भी तुम कोई मांगलिक कार्य करवाओ,