ना जाने कैसे वो ज़माने का सितम उठाती होगी, पूछते होंगे दोस्त तो क्या -क्या बताती होगी। शब्दों का दायरा खत्म क्र बुराईयां करती होगी, फिर अकेले में जा कर आँशु बहती होगी।। बेवफाई का इल्ज़ाम