सड़कों पर रोज बलात्कार होते हैं हवस भरी निगाहों का शिकार होते हैं राम के भेष मे रावण का किरदार होते हैं निगाहों मे सिर्फ अंगों के उभार होते हैं न बहन का ख्याल आता है न बेटी का माँ की उम्र की भी क्यों न हो बस देह का नशा छा जाता है छूने का भरसक प्रयास होता है थोड़ा सोच तो भाई कहीं न कहीं तेरी बहन बेटी माँ के साथ भी एेसा होता है तेरे जैसे और भी होगें जिनका भी यही प्रयास होता है अरे छोड़ न ले ले मजे तेरा कौन सा कुछ खोता है वो तो सिर्फ भोगने के लिए है इसलिए तो उसका का जन्म होता है सार्वजनिक वाहनों मे जब तू जबरदस्ती टच होता है सोचना तेरे घर से भी किसी का शोषण होता है पर तेरा क्या जाता है तुझे तो बढ़ा मजा आता है जब मजे लेने खातिर तू किसी से सट जाता है सामने तेरी बहन खड़ी हो कोई उसे सताता हो चेहरे पर क्या भाव होगें वो देखना चाहता हूँ भूखे भेडिए से भी बदतर हो गया जो किरदार उसको वापस इंसान के चोले मे समेटना चाहता हूँ आज #अंजान बन फिर सब भूलना चाहता हूँ......... #अंजान..... सड़कों पर रोज बलात्कार होते हैं हवस भरी निगाहों का शिकार होते हैं राम के भेष मे रावण का किरदार होते हैं निगाहों मे सिर्फ अंगों के उभार होते हैं न बहन का ख्याल आता है न बेटी का माँ की उम्र की भी क्यों न हो बस देह का नशा छा जाता है छूने का भरसक प्रयास होता है