डियर घर, मैं तुमसे दूर हूँ और तुम्हारे साथ बिताए हर वो पल जो मैं शब्दों के साथ बयाँ नहीं कर सकता, बहुत याद आते हैं । पर क्या करूँ, इस जीवन के अनेक पहलू हैं जिनसे रूबरू होना था । हम गुज़ार देते सारे पल तुम्हारे ही साथ तो मेरे जिन्दगी की एक ख्वाहिश अधूरी रह जाती । हाँ घर, एक ख्वाहिश है हमारा तुम्हारे जैसे ही घर मैं बेघरों को मुहैया करा सकूँ । अगर न छोड़ते अभी तो कैसे कर सकता था । तब हमारा और तुम्हारा मेहनत जो हम दोनों दिन-रात एक कर किए थे सब बर्बाद हो जाता । आऊँगा जरूर पर ज़रा जूझ लूँ, बढ़ चलूँ, कर चलूँ । तुम समझ सकते हो हमारे भावना को; जो कि बचपन से कुछ पल पहले तक जो साथ गुज़ारे हैं । है न! चलो मिलेंगे हम बस कुछ पल खुद को दूर रख रहा हूँ । तुम्हारा आभारी रहूँगा मेरे दोस्त ! शुक्रिया अक्षय घर को चिट्ठी #Home #Nojoto #NojotoHindi #Kakakaksh #Tst #love #letter #books