बढ़ते कदम के पीछे,कई अरमान जलतें हैं मेरे ऊपर मज़बूरियों के फरमान चलते हैं मैं कैसे करूँ यहाँ सबकी जरूरतें पूरी एक खत्म होती नहीं की,कई अरमान पलते हैं कभी बेटा,कभी पति बनके जिंदगी से लड़ाई यहाँ रोज़ नए साचे में मेरे पहचान ढलते हैं कभी जो थोड़ी ख़ुशी आई,अपनों ने नजर लगाई खैर,ये नया नहीं की इंसान से इंसान जलतें हैं #reality#muflisi#YQbaba#YQdidi