ओ मेरी मां अपने आंचल का सहारा दिया। जब भी रोया आपने थपकी से सुला दिया। और मैं जब भी हसा तो आपने मुस्का दिया। मुझे रात को सुलाने को अपनी नींद को लूटा दिया। मैं काबिल बनू इसलिए अपने दुख को छुपा लिया। कठिनाई जब आयी मुझपर आपने जमाने के संग चलना सीखा दिया। मां आप ना होती तो तो मुझे जीना कौन सिखाता आपने जीना सीखा दिया। ✍️ ROUNAK E DASTAN ओ मेरी मां