कितने कमाल के होते हैं वो लोग, जो अपनी मेहबूबा के साथ उसके परिवार को भी अपना मानते है , वरना जिज्मो में डूबे आशिक़ अपनी महबूबा के दाम अदा कर जाते हैं। दाम