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सारे जहॉं की खुशियॉं लुटाऊँ तुझ पर ही ऐ मेरे सनम



सारे जहॉं की खुशियॉं लुटाऊँ तुझ पर ही ऐ मेरे सनम,
हर एक जनम में हमारे बनोगे ले लूॅं मैं तुझसे कसम।

ना शिकवा करेंगें न कोई शिकायत बन कर रहेंगे तेरे,
लुटा कर खुद को ही रोशन करेंगे जीवन को हम तेरे।

तुम्हारे ही पहलू में बसते हैं सनम मेरे तो ये दोनों जहाँ,
चैन-ओ-सुकून खुद ही आ जाते हैं रहते हो तुम जहाँ।

चॉंद सितारों की ख्वाहिश नहीं है तेरा ही प्यार मैं पाऊंँ,
छोडूॅं ना तेरा दामन कभी हर पल मैं तेरा साथ निभाऊंँ।

रूह में समा कर जीवन महकाता है रूहानी इश्क़ तेरा,
नस-नस में लहू बनकर दौड़ता है सूफियाना इश्क़ तेरा।

तुझे मॉंगा है ख़ुदा से तेरी ही सुहागन बनूॅं मैं हर जन्म,
करवा चौथ, तीज का व्रत तेरे लिए ही करूॅं मैं सनम।

तेरे नाम की लाल चुनरी ओढ़ कर करूॅं मैं सोलह श्रृॅंगार,
अखण्ड सौभाग्य का सिंदूर बना रहे ताउम्र करूॅं मैं प्यार। 

पल पल मैं तेरी नजर उतारूॅं तुझसे ही है जीवन मेरा,
हर रात मेरी तेरे पहलू में बीते तुझसे ही हो मेरा सवेरा।

तू" एक सोच" का प्यार तू "प्रभु" तू ही तो है मेरी मन्नत,
तू ही सॉंसें तू ही दुआ है तुझसे ही है मेरी दुनियॉं जन्नत। ❤ प्रतियोगिता- 723

 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 

 👉🏻🌹"सिंदूर बना रहे"🌹 
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य  है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I


सारे जहॉं की खुशियॉं लुटाऊँ तुझ पर ही ऐ मेरे सनम,
हर एक जनम में हमारे बनोगे ले लूॅं मैं तुझसे कसम।

ना शिकवा करेंगें न कोई शिकायत बन कर रहेंगे तेरे,
लुटा कर खुद को ही रोशन करेंगे जीवन को हम तेरे।

तुम्हारे ही पहलू में बसते हैं सनम मेरे तो ये दोनों जहाँ,
चैन-ओ-सुकून खुद ही आ जाते हैं रहते हो तुम जहाँ।

चॉंद सितारों की ख्वाहिश नहीं है तेरा ही प्यार मैं पाऊंँ,
छोडूॅं ना तेरा दामन कभी हर पल मैं तेरा साथ निभाऊंँ।

रूह में समा कर जीवन महकाता है रूहानी इश्क़ तेरा,
नस-नस में लहू बनकर दौड़ता है सूफियाना इश्क़ तेरा।

तुझे मॉंगा है ख़ुदा से तेरी ही सुहागन बनूॅं मैं हर जन्म,
करवा चौथ, तीज का व्रत तेरे लिए ही करूॅं मैं सनम।

तेरे नाम की लाल चुनरी ओढ़ कर करूॅं मैं सोलह श्रृॅंगार,
अखण्ड सौभाग्य का सिंदूर बना रहे ताउम्र करूॅं मैं प्यार। 

पल पल मैं तेरी नजर उतारूॅं तुझसे ही है जीवन मेरा,
हर रात मेरी तेरे पहलू में बीते तुझसे ही हो मेरा सवेरा।

तू" एक सोच" का प्यार तू "प्रभु" तू ही तो है मेरी मन्नत,
तू ही सॉंसें तू ही दुआ है तुझसे ही है मेरी दुनियॉं जन्नत। ❤ प्रतियोगिता- 723

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 👉🏻🌹"सिंदूर बना रहे"🌹 
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य  है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I