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क्रोध मन विचलित हो उठा आज फिर देख घिनौनी एक करतूत.

क्रोध
मन विचलित हो उठा आज फिर देख घिनौनी एक करतूत...
भड़क उठी ज्वाला मन की तब धीरज हो गया कोसों दूर...
अपंग मानसिकता का शिकार युवा वर्ग का देखा ऐसा रूप...
आत्मा मेरी खिन हो गईं... और मन में उठा असीम क्रोध...
उठा कतार धड से अलग कर दें उसका सीस, इज्जत, मान, मर्यादा की जिसके मन में ना हो कोई टीस...
गिद्ध उनकी आँखे नोचे... धड़ मुक्ति को तरसे...
ऐसे वाचाल दरिंदों का अंग-अंग छिन्न-भिन्न हो धरती पर बिखरे...
दृष्य ऐसा भयानक हो जिसे देख रूह कांप उठे...
जब बात अस्मत पर आ जाए तो कदम कोई पीछे ना हटे..
क्रोध की ज्वाला शांत ना हो जब तक ऐसे नर का संहार ना हो..
हे ईश्वर मुझे क्षमा करना मेरे शब्दों से निर्दोष कोई आहत ना हो...
समझने वाले समझ सकते हैं जब तुच्छ मानसिकता से टकराव होता है..
क्रोध और प्रतिशोध से तब मस्तिष्क फटने ही लगता है.
--प्रिया शर्मा

©priya sharma #क्रोध
क्रोध
मन विचलित हो उठा आज फिर देख घिनौनी एक करतूत...
भड़क उठी ज्वाला मन की तब धीरज हो गया कोसों दूर...
अपंग मानसिकता का शिकार युवा वर्ग का देखा ऐसा रूप...
आत्मा मेरी खिन हो गईं... और मन में उठा असीम क्रोध...
उठा कतार धड से अलग कर दें उसका सीस, इज्जत, मान, मर्यादा की जिसके मन में ना हो कोई टीस...
गिद्ध उनकी आँखे नोचे... धड़ मुक्ति को तरसे...
ऐसे वाचाल दरिंदों का अंग-अंग छिन्न-भिन्न हो धरती पर बिखरे...
दृष्य ऐसा भयानक हो जिसे देख रूह कांप उठे...
जब बात अस्मत पर आ जाए तो कदम कोई पीछे ना हटे..
क्रोध की ज्वाला शांत ना हो जब तक ऐसे नर का संहार ना हो..
हे ईश्वर मुझे क्षमा करना मेरे शब्दों से निर्दोष कोई आहत ना हो...
समझने वाले समझ सकते हैं जब तुच्छ मानसिकता से टकराव होता है..
क्रोध और प्रतिशोध से तब मस्तिष्क फटने ही लगता है.
--प्रिया शर्मा

©priya sharma #क्रोध