Nojoto: Largest Storytelling Platform

हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा मैं ही कश्त

हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
मैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समुंदर मेरा

किस से पूछूँ कि कहाँ गुम हूँ कई बरसों से
हर जगह ढूँढता फिरता है मुझे घर मेरा

एक से हो गए मौसमों के चेहरे सारे
मेरी आँखों से कहीं खो गया मंज़र मेरा

मुद्दतें बीत गईं ख़्वाब सुहाना देखे
जागता रहता है हर नींद में बिस्तर मेरा

आइना देख के निकला था मैं घर से बाहर
आज तक हाथ में महफ़ूज़ है पत्थर मेरा

©Jashvant
  नींद में बिस्तर मेरा  narendra bhakuni Preeti Kumari Neema SEJAL Rajdeep
jashvant2251

Jashvant

Bronze Star
New Creator
streak icon9

नींद में बिस्तर मेरा @narendra bhakuni Preeti Kumari @Neema @SEJAL @Rajdeep #Life

126 Views