तेरे नाम की 'दिव्यता' में प्रेम की 'प्रगाढ़ता' में व्यवहार की 'सुघड़ता' में हृदय की 'पवित्रता' में शब्दों की 'सुंदरता' में निकट होने की 'निश्छलता' में स्वयं को 'ढूंढता' हूँ मैं जाने कब और कहां तेरा 'साक्षात' हो? इसी चाहत में 'दर-ब-दर' भटकता हूँ मैं..... Dear जिंदगी..........💐💐💐💐 #preeti dadhich #Ragini jha #dsuyal