हम व्यस्तता में पल रहे भविष्य के निर्माण में, वो खालीपन में पल रहीं हैं नकारात्मकता के आड़ में। अब वहीं कहानी बुन रहीं हैं, जो थी भरत के बाण में। पर वो हनुमान बच गए थे, सियाराम के आड़ में। अब खालीपन को दूर करो, और जियो खुश रंग बहार में। मिलना बिछड़ना तो सिलसिला है जीवन का, जो चलता रहता है संसार में। #खालीपन #व्यस्तता_और_खालीपन_का_मिलन #नकारात्मकता #प्यार_का_शाम