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जब भी तेरे होंठ मेरे होंठो को छूते है, तो मै बहक

जब भी तेरे होंठ मेरे होंठो को छूते है,
 तो मै बहक जाता हूँ,
 तेरे प्यार की खूश्बू में खोकर
 मै और महक जाता हूँ।

©Dil galti kr baitha h
  जब भी तेरे होंठ मेरे होंठो को छूते है,
 तो मै बहक जाता हूँ,
 तेरे प्यार की खूश्बू में खोकर
 मै और महक जाता हूँ।

जब भी तेरे होंठ मेरे होंठो को छूते है, तो मै बहक जाता हूँ, तेरे प्यार की खूश्बू में खोकर मै और महक जाता हूँ। #Shayari

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