मैने पढ़ाया ईश़्क वो किताब किधर है जो पहली मर्तवा दी वो गुलाब किधर है! ख़त चूम के भेजा था लिखा था लहू से आया नही अभी तलक जवाब किधर है! काटी थी कई चाँदनी राते सहर तक दोनो जो देखते थे आफताब कि धर है उतरा नही नशा जिसका पिसे हुए लव से छुआ था तुने जो शराब किधर है!! अंकुर पाठक (अंजान शायर) ©Ankur King Pathak गुलाब किधर है