रिश्ते जो है अब मंझधार में फंसे हैं। फिर भी सब के सब अपने व्यापार में फंसे है। कुछ का फंसना लाज़मी भी है। कुछ तो बस यूहीं बेकार में फंसे हैं। इश्क अगर है तो इकरार क्यों चाहिए? सब साले इजहार में फंसे है। आंख लगती है तो ही ख्वाब आते, हम तो पता नहीं कब से हसरतों के बाज़ार में फंसे है। अब तो खबरे चल कर आती है दरवाजे पर, लोग आज भी ना जाने क्यूं अखबार वाले इश्तहार में फंसे है। कहने पर ना खोलेगा कोई दरवाजा अपना अब, जवाब मिलेगा हम तो भीतर से सुधार में फंसे है ।। #कहानी #किरदार #कहानीसोरहीहै #कहानीचलतीरहतीहै #latenightquotes #yqbaba #latenightpoetry #jiwan