जन्म से जुड़े हो तुम सृष्टि का सृजन हो तुम रचयिता ने जीस निर्माण को सौंप दिया है मुझे वो अंतीम रूप हो तुम See caption जन्म से जुड़े हो तुम सृष्टि का सृजन हो तुम रचयिता ने जीस निर्माण को सौंप दिया है मुझे उसका अंतिम रूप हो तुम हा... वही स्त्री हूँ मैं. जीसे सृष्टिकर्ता ने चुना है. उसके सृष्टी को आगे बढ़ाने के लिए. हमे भी अपना कोई काम करना होता हैं तो हम बेस्ट ढुंढ़ने में लग जाते हैं. एक सिंपल सा कपडा सिलाना हो,या रेडीमेड भी लेना हो तो हमे चाहिए होता है आ'ला दर्जे का शाॅप या ब्रॅंड. तो सृष्टि के रचयिताने भी बेस्ट तो देखा ही होगा ना. इसिलिये उसने स्त्री को चुना होगा. जो बेहतर निर्माण कर सकती हैं. और स्त्रियोंने भी वो जिम्मेदारी भी बड़े प्रेम से निभाई है. उसके लिए कितने sacrifice करने पड़ते हैं, वो एक ' माँ ' ही जानती है. उस दरम्यान के मानसिक, शारीरिक कष्ट उठाने को अगर हर एक स्त्री मना करे तो, या अपनी फिगर बिगड़ती है इसलिए अगर आपकी माँ ने आपको जन्म देने से मना किया होता तो...जन्म के बाद अपना दुध पिलाने से मना कर दे तो...या पालने के लिये मना करे तो.. हक तो उसे है ना मना करने का...कुछ लोगों को उसके पिरीयड में होने से प्राॅब्लेम होता है, लेकीन एक बात गहराई से सोचो भाई 'तु' आया कहाँ से है...उसी रक्त का निर्माण है तु... फिर चाहे दुनिया कीतनी भी तरक्की कर ले. सृष्टि कर्ता ने उसे सिर्फ चुना ही नही इस कार्य के लिये बल्कि उसे कोमल मन, ममत्व भी दिया है जो जन्म से स्त्रीयों में होता है. तभी तो बचपन में वो अपने गुडिया को लाड-प्यार करती है. और बड़ी होकर अपने बच्चों को जन्म देकर, प्यार दुलार से पाल-पोस कर, इस चराचर को चलाने के कार्य में सक्रिय सहभागी होती है.