सिंहवाहिनी मां भवानी का बखान दुनियां करती है। स्नेह सुधा बरसाती सबपर,सबका दु:ख भी हरती है। मां ही है आदि शक्ति भवानी,सबपर कृपा करती है। मां ही है जगत का आधार,मां प्राणों से भी प्यारी है। मां की महिमा अपार है,मां जग की पालनहारी है। मां है भवसागर तारिणी,मां मनवांछित फल देती है। नवरात्रि में मां धरती पर आ,सबका उद्धार करती है। पापियों का नाश करती, झोली खुशियों से भरती है। भक्तों के कष्ट दूर करती,सबकी ही पुकार सुनती है। ऊंचे पर्वत पर डेरा मां का, पर सबपर नजर रखती है। BKJ-6 "माँ की महिमा अपार है" ब्रजकाव्यजगत साप्ताहिक प्रतियोगिता, समय सीमा 11:00PM पंक्ति सीमा : दस पंक्ति मां की फोटो पर ना लिखें #yqbaba #yqdidi #माँकीमहिमाअपारहै #YourQuoteAndMine Collaborating with ब्रज काव्य जगत