कितना नज़दीक था वो मेरे, की फ़ासलों को भी झुकना पड़ा, चले थे साथ दोनों पर, ना जाने क्यों रुकना पड़ा, लफ़्ज़ों में ही जिक्र उनका लाज़मी लगता है, मिले थे एक रात ख्वाबो मे भी, और उन ख्वाबो में भी मुझे मरना पड़ा। ख्वाबो में भी मुझे मरना पड़ा।