कब , कहां और कैसे तुझसे प्यार हो गया मुझे पता ही नहीं बेहद , बेइंतहा और बेशुमार हो गया मुझे पता ही नहीं ये ना सोच कि दो-चार दिन के महमान है फिर तेरा दर छोड़ देंगे तेरी हां के इंतजार में , तेरे दिल की दहलीज पर हम अपना दम तोड़ देंगे तेरे इश्क को पाने की खातिर दुनिया तो क्या रब को भी छोड़ दू जिन राहों पर तेरे पैरों के निशां ना हो मैं उनसे भी रुख मोड़ लू तू ना हो , जो साथ मेरे तो मुझे उस खुदा की जन्नत भी मंज़ूर नहीं जितना मुझे, तेरा है इतना किसी को ,किसी का भी फितूर नहीं अगर देती है तकलीफ़ तुझे , मेरी ये मोहोब्बत तो हम करना ये सितम छोड़ देंगे तेरी हां के इंतजार में , तेरे दिल की दहलीज पर हम अपना दम तोड़ देंगे कभी तेरा भी दिल पिघलेगा उसमे भी मोहोब्बत जागेगी कभी तेरी भी तो प्रीत "दीप" मेरी प्रीत के पीछे भागेगी जब भी बात इश्क़ की होगी मेरे लबों पे तेरा नाम हर बार रहेगा कब तेरे लबों पे हां आए मुझे बस उस दिन का इंतज़ार रहेगा उम्र बिता देंगे तन्हाई में , पर जीना पड़ा जो तेरे बिन कभी तो जीना हम छोड़ देंगे तेरी हां के इंतज़ार में , तेरे दिल की दहलीज पर हम अपना दम तोड़ देंगे ©Deep Sharma #तेरेबिना