तन्हाई भरी रातों को रोता रहा हूँ मैं , उनके लिखे खतों को सजोता रहा हूँ मैं ! कभी तो उन्हें मेरी याद आये ओ 'साग़र' , इसी लिए प्यार का बीज बोता रहा हूँ मैं !! :- संतोष 'साग़र' #NojotoQuote तन्हाई भरी रातों को रोता रहा हूँ मैं , उनके लिखे खतों को सजोता रहा हूँ मैं ! कभी तो उन्हें मेरी याद आये ओ 'साग़र' , इसी लिए प्यार का बीज बोता रहा हूँ मैं !! कुमार मुकेश