ना कोई अपना है ना कोई पराया है जीवन कुछ पल का साया है यह आस्था है हमारी ईश्वर या अल्लाह मैं पर इंसान को तो एक ही खुदा ने बनाया है मैं मानता हूं लोगों के मजहब अलग-अलग पर इसका कुछ लोग फायदा उठाते हैं अभी भी वक्त है संभल जाओ हिंदू हो या मुसलमान अपने आप को एक धागे में बांध लो अच्छाई को अपनाओ बुराई को छोड़ दो मेरी भारत माता को एक नई दिशा दो जिनको देते हो हर चीज पर टैक्स उनसे हर चीज़ का हिसाब लो जब हर इंसान समझेगा अपनी वफादारी ना करें कोई सिस्टम में गद्दारी मेरे भारत के उस दिन तस्वीर होगी निराली चलो मिलकर बनाते हैं ईद और दीवाली इंसानियत को नई पहचान दिलाते हैं जो लोग लूटते हैं मेरे देश को हिंदू और मुसलमान में हमें बांट कर उनसे अपना देश बचाते हैं धर्म कोई खुदा ने तो बनाया नहीं बनाया तो इंसान ने और इंसानों से कुछ ना कुछ गलतियां हो जाती हैं अगर अपने बच्चों का भविष्य सुधारना है तो हम एक साथ मिलकर लड़ना पड़ेगा ©Chandel Gujjar #अमित गुज्जर #BakraEid