म सूरज हु श्याम को डूबकर सुबह दोबारा लौट आऊँगा तेरे लिए नया सवेरा ,नई किरण, नई उम्मीद लेकर आऊँगा न सो पाऊँगा रात भर म तुजे सुबह जगा कर फिर से मेहनत करवाऊंगा हासिल करवाऊंगा तुजे तेरी मंजिल फ़िक्र न करना अगर म चला जाओ श्याम को सुबह फिर म तुजे तेरे साथ पाऊँगा B@++