चाँद और वो चाँद को छोड़कर कर चाँदनी का दीदार करते हो, मुजरिम को छोड़कर कर सजा को माफ़ करते हो। कहते हो प्यार होता नहीं इस जहां में किसी से, मगर दोस्त कहकर हमीं से प्यार करते हो। ✍✍✍✍✍ हरिकेश...... ###महताब###