कुछ ख्वाइशें थी अधूरी, कुछ हो गई थी पूरी, जो पूरी हो गई, वो समाप्त हो गई, और जो रह गई अधूरी, मन उसी को पाने कि लालसा में, कुचलता रहता है ख़ुद को, दिन रात !! कुछ ख़्वाहिशें... कुछ ख्वाइशें थी अधूरी, कुछ हो गई थी पूरी, जो पूरी हो गई, वो समाप्त हो गई, और जो रह गई अधूरी, मन उसी को पाने कि लालसा में,