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मुझको फ़ुरसत ही कहाँ कि मौसम सुहाना देखूं, . . तेरे

मुझको फ़ुरसत ही कहाँ कि मौसम सुहाना देखूं,
.
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तेरे ख़्याल से निकलूं तो ज़माना देखूं।❤




-मानवेन्द्र #मानवेन्द्र
मुझको फ़ुरसत ही कहाँ कि मौसम सुहाना देखूं,
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तेरे ख़्याल से निकलूं तो ज़माना देखूं।❤




-मानवेन्द्र #मानवेन्द्र