पुचकारी महज मरहम है हिज्र अगियारी का, पुख्ता हल नहीं हिय हमदम की बेकरारी का! कि छुअन मन की मंगलकारी सजन... अंक आलिंगन अंत करे हारी-बीमारी का!!:) गुस्ताखी माफ़ 🌸🌸 ©RAVINANDAN Tiwari #OneSeason #श्रृंगार_कच्ची_सड़क