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उसे पाने के चाह में खुद को हार बैठे हैं कीमत ना थी

उसे पाने के चाह में खुद को हार बैठे हैं
कीमत ना थी एक असरफी उसकी या खुदा मोहब्बत ऐसी चीज है पूरी दौलत लूटा बैठे हैं,
आत्मसम्मान घटाई नज़रें झुकाई उसके लिए 
इबादत था वो मेरा हर कलमा भी था उसके लिए,
कुछ कर गुजरने की चाह में खुद को हार बैठे उसके लिए
 वो लौट आए मन्नतें की मजारों पर गया उसके लिए,
खो गया था वो जो कभी मिला ही नहीं था अल्फाजों से मोहब्बत थी दिल से दिल कभी सिला ही नहीं था,
खुद को खो दिया उसको पाने की चाह में लौट आएगा इस आश से आज भी खड़े है उसकी राह में।।

©Mauryavanshi Veer #Veeer 

#Walk
उसे पाने के चाह में खुद को हार बैठे हैं
कीमत ना थी एक असरफी उसकी या खुदा मोहब्बत ऐसी चीज है पूरी दौलत लूटा बैठे हैं,
आत्मसम्मान घटाई नज़रें झुकाई उसके लिए 
इबादत था वो मेरा हर कलमा भी था उसके लिए,
कुछ कर गुजरने की चाह में खुद को हार बैठे उसके लिए
 वो लौट आए मन्नतें की मजारों पर गया उसके लिए,
खो गया था वो जो कभी मिला ही नहीं था अल्फाजों से मोहब्बत थी दिल से दिल कभी सिला ही नहीं था,
खुद को खो दिया उसको पाने की चाह में लौट आएगा इस आश से आज भी खड़े है उसकी राह में।।

©Mauryavanshi Veer #Veeer 

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