*जिंदगी है साहब* *छोड़कर चली जायेगी* *मेज पर होगी तस्वीर* *और* *कुर्सी खाली रह जायेगी* *एक करोना वायरस के आगे 150 करोड़ की आबादी वाला चीन* *अपने ही घर में बंदी बन गया है, सारे रास्ते वीरान हो गए हैं, चीन के अध्यक्ष भूमिगत हो गए हैं।* *एक सूक्ष्म सा जंतु और दुनिया को आंखे दिखाने वाला चीन एकदम शांत,भयभीत* *केवल चीन ही क्यों?* *सारे विश्व को एक पल में शांत करने की ताकत प्रकृति में है,* *हम जात-पांत, धर्म-भेद, वर्ण-भेद, ऊंंच -नीच, प्रांत-वाद के अहंकार से भरे हुए हैं।* *यह गर्व, दादागिरी, पैसे की खुमारी और घमंड करोना ने मात्र एक झटके में उतार दिया, बिना किसी भी प्रकार का भेद रखे सारे चीन को बंदिस्त करके रख दिया है, नौबत यहां तक आ गई है कि चीन के अध्यक्ष को भूमिगत रहते हुए ही अपने ही बीस हजार लोगों को मौत के घाट उतार देने की भाषा बोलने लगा* *इस संसार का कोई भी जीव इस प्रकृति के आगे बेबस है, लाचार है।* *प्रकृति ने शायद यही संदेश दिया है* *प्यार से रहो, जियो और जीने दो* *अन्यथा सुनामी है, करोना है, रीना है, टीना है लेकिन इसके बावजूद अगर जीना है तो प्यार, प्रेम भाईचारा, आपसी बंधुत्व, परोपकार, मर्यादा, संस्कार और सभ्यता इंसान होनी चाहिए* *क्योंकि वक़्त तो उन नोटों का भी नहीं हुआ जो कभी पूरा बाजार खरीदने की ताकत रखते थे* *ज़िन्दगी है साहब* *छोड़कर चली जाएगी* *मेज़ पर होगी तस्वीर* *कुर्सी खाली रह जाएगी* शैलेन्द्र तिवारी*🙏🏻 कोराना का हमला