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सुबह-सुबह गृह अनुस्मरण बन जाता है।सम्पूर्ण कार्य स

सुबह-सुबह गृह अनुस्मरण बन जाता है।सम्पूर्ण कार्य सुबह के अल्पाहार के होते हैं।
स्नान और ध्यान के उपरांत भींगे कपड़ों को धूप और स्वयं को हवा लगाने छज्जे पर आती हूँ।यहां से प्रायः गुनगुन की माँ अपने छज्जे पर मिलतीं हैं।और...और क्या!पृष्ठ संगीत के बिना ही हमलोग बतियाते हैं।
परंतु, आज तो ना ही हरा झंडा है, और ना ही सफेद।
यह महामारी प्रायः अनहोनी का संकेत देती है।
लेकिन नहीं! मुझे प्रतीक्षित अवसर प्राप्त हुआ।और, मैंने संकेत पर संकेत भेजे।उन्होंने भी भेजे।सार यह रहा कि, कपड़ों का सफाई यंत्र विकारग्रस्त हो गया, यह वस्तु एक घर में दो होने की संभावना ना के बराबर है, और यहां, वहां की बातें अर्थात, विश्व स्थिति का जाँच-पड़ताल।
मन खुश हो गया।मन हल्का हो गया।मजा आ गया।
इन सब के उपरांत, मैं अपने दिनचर्या में व्यस्त रही।दोपहर को पुनः कपड़े उठाने हेतु छज्जे पर गई, तो देखा गुनगुन के छज्जे पर भींगे कपड़ों की अप्रत्याशित भीड़।मैंने शीघ्र संपर्क साधा।सूचना प्राप्त हुई कि, सौभाग्यवश विकारग्रस्त यंत्र को एक अपरिचित व्यवसायिक श्रमिक ने निर्विकार किया।
सार यह है कि, इतने कपड़े धो कर भी वो खुश थीं।
महामारी अपने जगह, सावधानी अपने जगह और सहयोग हर जगह। #विप्रणु #yostowrimo #बालकनीकहानी    #yqdidi #yqbaba #life #microtale


सुबह-सुबह गृह अनुस्मरण बन जाता है।सम्पूर्ण कार्य सुबह के अल्पाहार के होते हैं।
स्नान और ध्यान के उपरांत भींगे कपड़ों को धूप और स्वयं को हवा लगाने छज्जे पर आती हूँ।यहां से प्रायः गुनगुन की माँ अपने छज्जे पर मिलतीं हैं।और...और क्या!पृष्ठ संगीत के बिना ही हमलोग बतियाते हैं।
परंतु, आज तो ना ही हरा झंडा है, और ना ही सफेद।
यह महामारी प्रायः अनहोनी का संकेत देती है।
लेकिन नहीं! मुझे प्रतीक्षित अवसर प्राप्त हुआ।और, मैंने संकेत पर संकेत भेजे।उन्होंने भी भेजे।सार यह रहा कि, कपड़ों का सफाई यंत्र विकारग्रस्त हो गया, यह वस्तु एक घर में दो होने की संभावना ना के बराबर है, और यहां, वहां की बातें अर्थात, विश्व स्थिति का जाँच-पड़ताल।
सुबह-सुबह गृह अनुस्मरण बन जाता है।सम्पूर्ण कार्य सुबह के अल्पाहार के होते हैं।
स्नान और ध्यान के उपरांत भींगे कपड़ों को धूप और स्वयं को हवा लगाने छज्जे पर आती हूँ।यहां से प्रायः गुनगुन की माँ अपने छज्जे पर मिलतीं हैं।और...और क्या!पृष्ठ संगीत के बिना ही हमलोग बतियाते हैं।
परंतु, आज तो ना ही हरा झंडा है, और ना ही सफेद।
यह महामारी प्रायः अनहोनी का संकेत देती है।
लेकिन नहीं! मुझे प्रतीक्षित अवसर प्राप्त हुआ।और, मैंने संकेत पर संकेत भेजे।उन्होंने भी भेजे।सार यह रहा कि, कपड़ों का सफाई यंत्र विकारग्रस्त हो गया, यह वस्तु एक घर में दो होने की संभावना ना के बराबर है, और यहां, वहां की बातें अर्थात, विश्व स्थिति का जाँच-पड़ताल।
मन खुश हो गया।मन हल्का हो गया।मजा आ गया।
इन सब के उपरांत, मैं अपने दिनचर्या में व्यस्त रही।दोपहर को पुनः कपड़े उठाने हेतु छज्जे पर गई, तो देखा गुनगुन के छज्जे पर भींगे कपड़ों की अप्रत्याशित भीड़।मैंने शीघ्र संपर्क साधा।सूचना प्राप्त हुई कि, सौभाग्यवश विकारग्रस्त यंत्र को एक अपरिचित व्यवसायिक श्रमिक ने निर्विकार किया।
सार यह है कि, इतने कपड़े धो कर भी वो खुश थीं।
महामारी अपने जगह, सावधानी अपने जगह और सहयोग हर जगह। #विप्रणु #yostowrimo #बालकनीकहानी    #yqdidi #yqbaba #life #microtale


सुबह-सुबह गृह अनुस्मरण बन जाता है।सम्पूर्ण कार्य सुबह के अल्पाहार के होते हैं।
स्नान और ध्यान के उपरांत भींगे कपड़ों को धूप और स्वयं को हवा लगाने छज्जे पर आती हूँ।यहां से प्रायः गुनगुन की माँ अपने छज्जे पर मिलतीं हैं।और...और क्या!पृष्ठ संगीत के बिना ही हमलोग बतियाते हैं।
परंतु, आज तो ना ही हरा झंडा है, और ना ही सफेद।
यह महामारी प्रायः अनहोनी का संकेत देती है।
लेकिन नहीं! मुझे प्रतीक्षित अवसर प्राप्त हुआ।और, मैंने संकेत पर संकेत भेजे।उन्होंने भी भेजे।सार यह रहा कि, कपड़ों का सफाई यंत्र विकारग्रस्त हो गया, यह वस्तु एक घर में दो होने की संभावना ना के बराबर है, और यहां, वहां की बातें अर्थात, विश्व स्थिति का जाँच-पड़ताल।