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इक रोज, ​साँझ ढ़ले, ​बहती पुरवईया मुस्काई ​आँचल मे

इक रोज,
​साँझ ढ़ले,
​बहती पुरवईया मुस्काई
​आँचल मे बाँध वो,
​बसंती पवन संग लायी,
​और...लायी,
​कान्हा का आशीष,
​साथ मे,
​इक खुशियों की पोटली,
​जो भरी थी,
​नेह के..श्वेत अक्षतों से,
​ इक रोज,
​साँझ ढ़ले,
​बहती पुरवईया मुस्काई
​आँचल मे बाँध वो,
​बसंती पवन संग लायी,
​और...लायी,
​कान्हा का आशीष,
​साथ मे,
इक रोज,
​साँझ ढ़ले,
​बहती पुरवईया मुस्काई
​आँचल मे बाँध वो,
​बसंती पवन संग लायी,
​और...लायी,
​कान्हा का आशीष,
​साथ मे,
​इक खुशियों की पोटली,
​जो भरी थी,
​नेह के..श्वेत अक्षतों से,
​ इक रोज,
​साँझ ढ़ले,
​बहती पुरवईया मुस्काई
​आँचल मे बाँध वो,
​बसंती पवन संग लायी,
​और...लायी,
​कान्हा का आशीष,
​साथ मे,
akalfaaz9449

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इक रोज, ​साँझ ढ़ले, ​बहती पुरवईया मुस्काई ​आँचल मे बाँध वो, ​बसंती पवन संग लायी, ​और...लायी, ​कान्हा का आशीष, ​साथ मे, #yqbaba #yqhindi #yqquotes #testimonial