Nojoto: Largest Storytelling Platform

यहा माहोल कुछ ऐसा कही अनजाना हो फिर भी अपना बना ले

यहा माहोल कुछ ऐसा कही अनजाना हो फिर भी अपना बना लेते है,पर कही रिश्तो में सिसक हो जाये तो सही हो या गलत,एक पल में रिश्ते समज में आते है,सच  लगता है वो जो अपना है, हमारी  तो परायो में गिनती हो जाती है,नकाब ओढ़े इस समंदर में हम कातिल मछली हो जाते है, चाहा नही कभी इस खूबसूरत माहोल का अंदाज़ बदले ,बस अभी रिश्तो में उलझे  कम ओर अपने मे खुश रहे हम।। Rishto ka Nakab.
यहा माहोल कुछ ऐसा कही अनजाना हो फिर भी अपना बना लेते है,पर कही रिश्तो में सिसक हो जाये तो सही हो या गलत,एक पल में रिश्ते समज में आते है,सच  लगता है वो जो अपना है, हमारी  तो परायो में गिनती हो जाती है,नकाब ओढ़े इस समंदर में हम कातिल मछली हो जाते है, चाहा नही कभी इस खूबसूरत माहोल का अंदाज़ बदले ,बस अभी रिश्तो में उलझे  कम ओर अपने मे खुश रहे हम।। Rishto ka Nakab.
vikrantjd9068

Vikrant jd

New Creator